प्यासी पत्नी नौकर से चुदवाने लगी

मेरा नाम उमाकांत है, 31 साल का, मध्यम कद, गेहुँआ रंग, और दुबला-पतला बदन। मैं एक छोटा-सा ट्रांसपोर्ट बिज़नेस चलाता हूँ, जो मुझे शहर और गाँव के बीच दौड़ाता रहता है। मेरी पत्नी वर्षा, 26 साल की, 5 फुट 6 इंच लंबी, गोरी, और जिस्म ऐसा कि मर्दों के होश उड़ जाएँ। उसकी चूचियाँ 36D की, भारी और गोल, कमर 28 इंच की पतली, और गाँड़ इतनी भरी कि साड़ी में भी हर कर्व साफ़ झलकता है। उसकी आँखें काली, होंठ रसीले, और चेहरा ऐसा कि हर मर्द उसे चोदने की सोचे। हमारी शादी को तीन साल हो चुके हैं। शुरू-शुरू में हम रात को रोज़ चुदाई करते थे। मेरा 6 इंच का लंड उसे तड़पाता था, और वो सिसकियाँ लेते हुए कहती, “आह्ह जी… और ज़ोर से… मेरी चूत फाड़ दो!” लेकिन अब उसकी चूत ढीली हो चुकी थी। रोज़ की चुदाई से वो मेरे लंड से संतुष्ट नहीं थी। वो चुपके-चुपके तड़पती थी, पर मुँह से कभी कुछ नहीं बोली। मैं उसके चेहरे की उदासी और अधूरी साँसों से समझ गया था कि उसकी चूत में आग लगी है, जो मेरा लंड बुझा नहीं पा रहा। Horny Indian Wife Hindi Sex Story

हमारा नौकर भोला, 45 साल का, 6 फुट लंबा, चौड़े कंधों वाला, और पहलवानी जिस्म। उसका रंग साँवला, मगर ताकत ऐसी कि बैल को भी पटक दे। जवानी में वो कुश्ती लड़ा करता था, और अब भी रोज़ सुबह एक घंटा कसरत करता था। उसकी मूँछें घनी, आँखें जंगली, और आवाज़ भारी, जो औरत की चूत को गीला कर दे। वो हमारे गाँव के पुराने घर की देखभाल करता था और छत पर बने एक छोटे से कमरे में रहता था। उसकी ज़िंदगी सादी थी, पर उसकी मर्दानगी हर औरत को अपनी तरफ़ खींचती थी।

पिछले महीने की बात है। गर्मी का मौसम था, और हम अपने गाँव के घर में थे। एक रात ज़बरदस्त चुदाई के बाद हम छत पर सो रहे थे। मैंने वर्षा की चूत को इतना पेला था कि वो थककर बेसुध हो गई थी। सुबह पाँच बजे मेरी नींद खुली। देखा, भोला अपने कमरे के सामने लंगोट में कसरत कर रहा था। उसका पसीना बदन पर चमक रहा था, और उसकी नज़र बार-बार वर्षा पर जा रही थी। रात की चुदाई के बाद वर्षा के कपड़े बिखरे थे। उसकी साड़ी कमर तक सरक गई थी, और ब्लाउज़ से उसकी चूचियाँ आधे बाहर लटक रही थीं। उसकी गोरी कमर, गहरी नाभि, और गाँड़ का उभार साफ़ दिख रहा था। उसका जिस्म ऐसा था कि कोई भी मर्द उसे देखकर अपना लंड सहलाने लगे।

मैंने देखा, भोला का लंड लंगोट से बाहर निकल आया था। 10 इंच लंबा, 5 इंच मोटा, काला, और नसों से भरा हुआ। ऐसा लंड किसी भी चूत को चीर दे। मैंने चोरी से वर्षा को देखा। वो सोने का नाटक कर रही थी, पर उसकी आँखें भोला के लंड पर जमी थीं। उसकी साँसें तेज़ थीं, जैसे वो उस लंड को अपनी चूत में लेने की ख्वाहिश कर रही हो। भोला की कसरत ख़त्म हुई, और वो अपने कमरे में चला गया।

वर्षा ने उठने का नाटक किया और मुझे जगाया, “चलो उठो जी, सुबह हो गई है… नीचे चलते हैं।” उसकी आवाज़ में एक अजीब-सी उत्तेजना थी, और उसकी साड़ी पर चूत की गीलापन साफ़ दिख रहा था। नीचे जाकर उसने चाय बनाई और किचन में काम शुरू किया। तभी हल्की-हल्की बारिश होने लगी। वर्षा बोली, “कल शाम को छत पर कपड़े सुखाए थे, उतार लाती हूँ।” वो छत पर चली गई। मेरे दिमाग में भोला का लंड और वर्षा की चुदास घूम रही थी। ये सोचकर मेरा लंड टाइट हो गया। मैंने सोचा, वर्षा की चूत की आग इतनी है कि भोला जैसे मर्द से वो अपनी प्यास बुझा सकती है। पर मैं उससे ये बात कह नहीं पा रहा था। वो बाहर से पतिव्रता थी, पर अंदर से रंडी की तरह जल रही थी।

बारिश ने माहौल और गर्म कर दिया। मैं उत्तेजित होकर छत पर गया, पर वर्षा कहीं नहीं दिखी। मैंने सोचा, शायद वो बेडरूम में कपड़े रखने गई होगी। तभी भोला की उत्तेजित आवाज़ सुनाई दी। मैं छत के बाथरूम की तरफ गया। वर्षा बाहर खड़ी थी, और अंदर झाँक रही थी। भोला मुठ मार रहा था, “आह्ह वर्षा… तेरी चूत… कितनी रसीली होगी… उफ्फ्फ!” वर्षा अपनी साड़ी के ऊपर से चूत रगड़ रही थी। उसकी उंगलियाँ गीली थीं, और वो शर्म के साथ-साथ उत्तेजना में डूबी थी। उसकी साँसें भारी थीं, जैसे वो ख्यालों में भोला के लंड से चुद रही हो।

मैं चुपके से नीचे आ गया। थोड़ी देर बाद वर्षा आई और बोली, “बारिश के कारण में उत्तेजित हो गई हूँ।” उसकी चूत इतनी गीली थी कि साड़ी पर दाग था। हमने बेडरूम में चुदाई शुरू की। मैंने उसकी साड़ी ऊपर की और लंड पेल दिया। वो सिसक रही थी, “आह्ह… जी… और ज़ोर से… चोदो!” पर मेरे दिमाग में भोला का लंड था। मैंने उसे ज़ोर-ज़ोर से पेला, पर वो अधूरी-सी तड़प रही थी। उसकी चूत मेरे लंड से संतुष्ट नहीं थी। चुदाई के बाद हम थककर सो गए।

कुछ देर बाद नींद खुली। वर्षा बेडरूम में नहीं थी। मैं छत पर गया। वो बाथरूम में नहा रही थी, और भोला बाहर से झाँककर लंड सहला रहा था। उसका लंड फिर से टनटना रहा था। अब दोनों तरफ़ आग बराबर थी। वर्षा ने अचानक दरवाज़ा खोला। भोला घबराकर अपने कमरे में भागा, और मैं बेडरूम में। वर्षा मेरे पीछे आई, पर वो घबराई हुई थी। मैंने पूछा, “क्या हुआ?” वो बोली, “बारिश से बचने के लिए भागकर सीढ़ियों से उतरकर आई हूँ, इसलिए साँस फूल रही है।” मैं जानता था, वो झूठ बोल रही है। उसकी आँखों में शर्म और चुदास का मिक्सचर था।

मैंने वर्षा और भोला पर नज़र रखना शुरू किया। दिनभर वो एक-दूसरे से नज़रें चुराते रहे, पर उनकी चुप्पी में चुदाई का तूफ़ान था। रात को बारिश तेज़ हो गई। मैंने ड्रिंक का मूड बनाया और वर्षा को भी पेग ऑफ़र किया। वो वैसे ड्रिंक नहीं करती थी, पर आज मेरे कहने पर मान गई। शायद वो मुझसे कुछ कहने की हिम्मत जुटा रही थी। मैंने ओवर ड्रिंक का नाटक किया। वर्षा ने एक पेग लिया और बोली, “मुझे बारिश में भीगना चाहती हूँ।” मैंने कहा, “हाँ, तुम जाओ, मुझे थोड़ी ज़्यादा हो गई है… में तुम्हारे साथ नहीं जा सकता।” मैं जानता था, वो भोला के पास जाएगी।

वर्षा छत पर गई। मैं चुपके से पीछे। वो पूरी तरह भीग चुकी थी। उसकी साड़ी बदन से चिपक गई थी। उसकी चूचियाँ और गाँड़ साफ़ दिख रही थीं। वो बारिश में नाच रही थी, जैसे अपनी चूत की आग बुझाना चाहती हो। भोला खिड़की से देख रहा था। तभी वो बाहर आया और वर्षा को पीछे से अपनी बाहों में भींच लिया। वर्षा उत्तेजना से काँपते हुए पलटी और उससे लिपट गई। दोनों बारिश में छत पर लेट गए। वर्षा पागलों की तरह भोला को चूमने लगी, “आह्ह… भोला… तेरा लंड दे दे… मेरी चूत तड़प रही है!” भोला उसकी चूचियाँ मसल रहा था, “वर्षा, तेरी चूत रंडी जैसी है… आज तुझे फाड़ दूँगा!” वो उसकी साड़ी खींचने लगा। वर्षा की चूत गीली थी, और वो सिसक रही थी, “आह्ह… चोद दे… मेरी चूत जल रही है!”

करीब 15 मिनट तक वो एक-दूसरे के अंगों से खेलते रहे। भोला ने वर्षा की साड़ी उतारी, और उसकी चूचियाँ ब्लाउज़ से आज़ाद कर दीं। वो उसके निप्पल चूस रहा था, और वर्षा सिसक रही थी, “आह्ह… भोला… और चूस… मेरी चूचियाँ दबा!” भोला ने उसकी पैंटी खींची, और उसकी चूत पर उंगलियाँ फेरी। वर्षा की चूत गीली थी, और वो तड़प रही थी, “प्लीज़… अब डाल दे… मेरी चूत फट रही है!” भोला ने उसे गोद में उठाया और अपने कमरे में ले जाने लगा। वर्षा ने कुछ इशारा किया, और भोला ने उसे झट से नीचे उतार दिया। वर्षा मेरे कमरे की तरफ़ आई। मैं भागकर बेडरूम में सोने का नाटक करने लगा। वर्षा ने मुझे सोता देखा और वापस छत पर चली गई।

मैं चुपके से भोला के कमरे की खिड़की पर पहुँचा। अंदर का नज़ारा देखकर मेरा लंड पैंट में उछलने लगा। भोला बेड पर उल्टा लेटा था, और वर्षा उसके लंड को चाट रही थी। उसका लंड इतना मोटा था कि मुँह में नहीं समा रहा था। वर्षा की साँसें भारी थीं, और वो शर्म के साथ-साथ उत्तेजना में डूबी थी। वो बोली, “प्लीज़ भोला, थोड़ा धीरे… मुझे इतना ज़ोर से चुदने की आदत नहीं है।” भोला हँसा, “मेडम, तुम्हारा पति बहुत ढीला होगा… क्योंकि सेक्स का असली मज़ा तो औरत को तकलीफ़ और दर्द में चोदने में आता है।” वर्षा सिसक रही थी, “आह्ह्हहह भोला, कुछ करो प्लीज़… और मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है… प्लीज़ मेरी प्यास बुझा दो।”

भोला ने उसके कपड़े फाड़ दिए। दोनों नंगे थे, एक-दूसरे के जिस्म को मसल रहे थे। वर्षा की चूचियाँ लाल हो रही थीं, और उसकी चूत से पानी टपक रहा था। भोला बोला, “ऐसे नहीं मेडम, आपको पहले पूरा रंडी बनाऊँगा… फिर चोदूँगा, और तभी आप मेरे लंड को बर्दाश्त कर पाएँगी। एक बात… में चुदाई सिर्फ़ अपनी शर्तों पर करता हूँ… आपको मेरी सारी बातें माननी पड़ेगी।” वर्षा बोली, “तुम जो चाहो करो… लेकिन प्लीज़ एक बार मेरी प्यास बुझा दो… में कब से प्यासी हूँ। मेरे पति मेरी आग ठंडी नहीं कर पाते।”

भोला बोला, “में उठता हूँ… तुम अब मेरा लंड चूसो।” वर्षा ने मना किया, “छीईईई, भला कोई पेशाब करने की जगह को भी मुँह में लेता है क्या?” भोला की आवाज़ में सख्ती थी, “हाँ, में जो कहता हूँ, चुपचाप तुम वो करो।” उसने वर्षा के बाल पकड़े और लंड गले तक ठूंस दिया। वर्षा की आँखों में आँसू आ गए। वो घुट रही थी, पर भोला ने कोई रहम नहीं किया। उसका लंड इतना मोटा था कि वर्षा का मुँह फटने को था। वो सिर्फ़ टोपा चाट पाई। भोला ने उसके बाल पकड़कर लंड को गले तक दबाया। 15 मिनट तक मुँह चोदने के बाद उसने सारा वीर्य उसके मुँह में उड़ेल दिया। वर्षा की आँखें लाल थीं, और वो सारा वीर्य पी गई। भोला बोला, “मेडम, ठीक तरह से चाटकर साफ करिए… क्योंकि इस वीर्य में बहुत दम होता है। हमारे बुजुर्ग कहते हैं कि आदमी का वीर्य गरम और झड़ने के बाद का पेशाब एक-दूसरे के लिए पीना बहुत ज़रूरी होता है। वीर्य को पीने से औरत निरोगी और जवान रहती है… क्योंकि यह सबसे ताकतवर पानी होता है।”

वर्षा शर्म से लाल हो गई, “तो क्या तुम अब मेरा पेशाब पियोगे?” भोला बोला, “हाँ बिल्कुल… अब तक करीब 35-40 औरतों को चोदकर उन्हें माँ बना चुका हूँ, और मैंने उनके पेशाब को पी-पीकर अपने लंड को मज़बूत बनाया है।” उसने वर्षा के पैर फैलाए और चूत चाटने लगा। वर्षा पागल हो रही थी, “आअहह उईईइ माँ, भोला प्लीज़… अपना मुँह हटाओ… उफ्फ्फअफ, में तो गयी!” उसका शरीर अकड़ा, और वो ज़ोर से झड़ी। भोला ने सारा रस पी लिया। वर्षा करीब एक मिनट तक झड़ती रही, और फिर शांत होकर लेट गई। भोला उसकी शेव्ड चूत पर जीभ घुमा रहा था।

वर्षा बोली, “भोला, में कभी भी ऐसे नहीं झड़ी… आज तुमने मुझे एक औरत होने का अहसास दिलाया है। हर औरत अपनी चुदाई एक रंडी की तरह करवाना चाहती है, और आज से में तुम्हारी रांड हूँ… लेकिन अब मुझे छोड़ो… मुझे पेशाब जाना है… क्योंकि उसके बाद तुम्हे मेरी चूत की प्यास बुझानी है।” भोला बोला, “मैंने पहले ही कहा है कि मुझे तुम्हारा पेशाब पीना है… आप पेशाब करती जाओ, में उसे पीता हूँ… लेकिन थोड़ा कंट्रोल करते हुए धीरे-धीरे छोड़ना।”

भोला ने फिर से उसकी चूत पर जीभ फेरना शुरू किया। वर्षा ने बहुत कोशिश की, क्योंकि उसे भोला के सामने पेशाब करने में शरम आ रही थी। पर उत्तेजना में वो कंट्रोल नहीं कर पाई। उसकी चूत से पानी बहना शुरू हो गया, और भोला ने सारा पी लिया। वर्षा की साँसें भारी थीं, और वो शर्म के साथ-साथ मस्ती में थी।

अब चुदाई की बारी थी। भोला का लंड फिर से टाइट हो चुका था। उसने तेल लगाया और लंड का टोपा वर्षा की चूत पर रगड़ा। वर्षा बोली, “प्लीज़ भोला, थोड़ा धीरे-धीरे डालना… क्योंकि तुम्हारा यह लंड बिल्कुल घोड़े जैसा है… मुझे बहुत दर्द होगा।” भोला बोला, “हाँ ठीक है… लेकिन तुम समझ लो कि आज दूसरी सुहागरात है, और वैसे भी सुहागरात में तो चूत पर बिल्कुल भी रहम नहीं किया जाता।” वर्षा बोली, “प्लीज़ अब थोड़ा जल्दी करो, और कितना तड़पाओगे मुझे? चोदो मुझे, अब में तुम्हारी रंडी हूँ, और आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो।”

भोला ने लंड का टोपा वर्षा की चूत पर घुमाया। वर्षा की चूत बेसब्री से फैल रही थी। उसने दो बार टोपा घुसाने की कोशिश की, पर असफल रहा। वर्षा की चूत उसके लिए कुँवारी थी। वर्षा ने अपनी चूत को हाथों से फैलाया, और भोला ने एक ज़ोरदार धक्का मारा। टोपा अंदर गया, और वर्षा चीखी, “आआआहह उफफफफफ्फ़… बाहर निकालो प्लीज़, में मर गयी… भोला, बहुत दर्द हो रहा है!” उसकी चूत से खून की बूँदें टपक रही थीं। भोला ने उसे दबोच रखा। वर्षा दर्द से सिर पटक रही थी, “प्लीज़ भोला, फिर से डाल लेना… लेकिन अभी निकाल लो!” भोला ने उसके होंठ पर अपने होंठ रखे और बोला, “थोड़ा सब्र करो… सब ठीक हो जाएगा।” तेल की वजह से लंड धीरे-धीरे अंदर फिसल रहा था। वर्षा के चेहरे पर दर्द के साथ-साथ चुदाई की लालसा थी। शराब का नशा उसे दर्द बर्दाश्त करवा रहा था।

भोला ने धीरे-धीरे धक्कों से लंड 5 इंच अंदर घुसा दिया। वर्षा एक बार झड़ चुकी थी। भोला 20 मिनट तक चोदता रहा। वर्षा बोली, “भोला, प्लीज़ फाड़ डालो मेरी चूत को… मुझे रंडी की तरह चुदवाना है, और रंडी पर कभी कोई रहम नहीं होता… प्लीज़ जमकर चोदो मुझे!” भोला ने लंड बाहर निकाला और एक ज़ोरदार धक्के में 8 इंच अंदर पेल दिया। वर्षा चीखी, “हे भगवान, में मर गयी… मेरी चूत में घोड़े का लंड घुस गया है… मेरे गर्भाशय में घुस गया है!” उसकी चूत से खून और पानी की धार बह रही थी। उसकी चूत लंड पर टाइट थी, और अंदर-बाहर होने पर बाहर खिंच रही थी।

वर्षा बोली, “आह्ह्ह… उह्ह्ह्ह… माँ, बचाओ मुझे… और कितना बाकी है?” भोला बोला, “बस रानी, एक-दो धक्के और… फिर तुम दूसरी दुनिया में पहुंच जाओगी।” वर्षा बोली, “नहीं, अब और नहीं… तुम मेरा भोसड़ा फाड़ चुके हो!” पर भोला नहीं माना। उसने दो-चार धक्कों में पूरा लंड अंदर डाल दिया। वर्षा चीखी, “प्लीज़ भोला, मुझ पर थोड़ा रहम करो… में तुम्हारे लंड को नहीं झेल पा रही हूँ… ऐसा लग रहा है जैसे कोई बच्चा मेरे पेट में लात मार रहा हो!”

भोला ने चुदाई तेज़ कर दी। वर्षा लगातार झड़ रही थी। बिस्तर पर खून और पानी का गोला बन गया था। वो कम से कम चार बार झड़ चुकी थी। भोला को चोदते हुए 45 मिनट हो चुके थे। वर्षा अब मदहोश थी, और कमर हिलाकर धक्कों का जवाब दे रही थी। भोला ने उसे गोद में उठाया और चोदने लगा। वर्षा की चूत का रस भोला के अंडकोष और जाँघों पर बह रहा था। बारिश और शराब ने वर्षा को और मस्त कर दिया था।

भोला ने डॉगी स्टाइल में चोदने को कहा। वर्षा ने गाँड़ उठाई, और भोला ने 15 मिनट तक उसे पेला। वर्षा की चीखें मादक थीं, “आह्ह… भोला… और ज़ोर से… मेरी गाँड़ मार दे!” उसकी चूत इतनी खुली थी कि गर्भाशय दिख रहा था। भोला ने लंड बाहर निकाला, और वर्षा की चूत मेरे सामने थी। वो इतनी चुद चुकी थी कि कुतिया की चूत जैसी हो गई थी। वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।

भोला ने उसे लेटाया और फिर से लंड चूत में घुसा दिया। वर्षा बोली, “भोला, प्लीज़ अब बस हो गया… जल्दी करो, में अनगिनत बार झड़ चुकी हूँ… अब मुझे तुम्हारा वीर्य दे दो… मेरी चूत में तुम्हारा वीर्य मुझे एक बच्चा देगा… मुझे तुम्हारा जैसा बलशाली बच्चा चाहिए!” भोला ने स्पीड बढ़ा दी। तेज़-तेज़ झटकों के साथ उसने सारा वीर्य उसकी चूत में भर दिया। दोनों एक-दूसरे से लिपटकर चूमने लगे। वर्षा इस चुदाई से तृप्त थी।

मैं नीचे आ गया। वर्षा लड़खड़ाते कदमों से आई और बिस्तर पर गिरकर सो गई। सुबह मैंने चुदाई की बात की, तो उसने कहा, “मुझे पीरियड्स आ गए हैं।” मैं जानता था, ये झूठ था। दोपहर को उसे पेट में दर्द हुआ। मैं उसे अपने दोस्त डॉक्टर के पास ले गया। चेकअप के बाद डॉक्टर ने बताया कि उसके गर्भाशय में सूजन है, और एक हफ्ते तक सेक्स न करने की सलाह दी।

एक हफ्ते बाद वर्षा ने मुझसे माफी माँगी, “मुझे पता है कि आपको सब मालूम है… उस दिन मैंने आपको खिड़की के पास देख लिया था… लेकिन प्लीज़ आप मुझे माफ़ कर दीजिए… उस दिन मुझसे शराब के नशे में ये सब हो गया।” मैंने कहा, “में जानता हूँ, तुम सेक्स की भूखी थी… इसलिए उस दिन मैंने तुम्हे ड्रिंक ऑफर किया था… क्योंकि में भी यही चाहता था।” वर्षा खुश हो गई और मुझे चूम लिया।

उसके बाद वर्षा तीन बार और भोला से चुदी। अब जब भी उसे सेक्स की कमी महसूस होती है, हम गाँव जाते हैं। भोला उसकी चूत की आग बुझाता है, और वो खुश रहती है।

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